" मेरी ज़िद है की मैं एक नज़्म लिखूं '': "एक्प्रेशन्स इन लैंग्वेजेज एंड आर्ट्स फॉउंडेशन का काव्य प्रवाह 1.1
एक्प्रेशन्स इन लैंग्वेजेज एंड आर्ट्स फॉउंडेशन, लखनऊ द्वारा दिनांक 11जून,2020 को काव्य प्रवाह । १ - काव्य संध्या का आयोजन किया गया ।इस कार्यक्रम में महराष्ट्र से प्रो अवधेश कुमार सिन्हा, बाराबंकी उत्तर प्रदेश से डॉ फिदा हुसैन, लखनऊ से डॉ चंद्र मणि शर्मा तथा समस्तीपुर बिहार से डॉ शम्भू नाथ झा अतिथि कवि थे। संध्या का प्रारंभ फॉउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर रवीन्द्र प्रताप सिंह ने सभी अतिथियों एवं श्रोतागणों के स्वागत एवं अपने अंग्रेज़ी एवम् हिन्दी काव्य पाठ से किया। प्रो अवधेश कुमार सिन्हा ने अपने अंग्रेज़ी काव्य ययाति एवम् रश्मिरथी कर्ण से कुछ अंश तथा कुछ अन्य मुक्तक श्रोताओ के साथ साझा किए। मशहूर उर्दू शायर डॉ फिदा हुसैन ने अपने असरार एवम् नज़्मों से श्रोताओं का मन मोह लिया।
इसके उपरांत लखनऊ के बी एस ऐन वी कॉलेज में कार्यरत हिंदी के सहायक प्रोफेसर एवं कवि डॉ चंद्र मणि शर्मा ने अपनी कविताएँ भावी पथ औऱ अभिलाषा श्रोताओं के समक्ष पढ़ी। यशस्वी रचनाकार एवम् प्रसिद्व कवि एवं लेख़क डॉ शम्भु नाथ झा ने अपनी रचनाओं चिर स्थायी समाधान, अब ना देर लगाओ, चलो नदी के पार इत्यादि कविताओं का पाठ किया। उनकी कविताओं में जहाँ रहस्यवाद एवं भारतीय संस्कृति के शशक्त मूल्य प्रदर्शित हुए ।
आलोचक एवम् कवि डॉ ब्रजेश ने जहां एक ओर जहां अपनी अंग्रेज़ी कविता पढ़ी वहां हिन्दी के छंद चौपाई में प्रवाहपूर्ण प्रस्तुति दी ।उन्होंने इस आयोजन पर अपने समीक्षा भी प्रेषित किया ।
इसके उपरांत फाउंडेशन के सचिव श्री कुलवंत सिंह ने फॉउंडेशन की ओर से प्रोफेसर आर पी सिंह तथा आए हुए अतिथियों एवं श्रोतागणों का आभार व्यक्त किया। उन्होने कार्यक्रम के सफल आयोजन में समिति के टेक्निकल डायरेक्टर श्री वैदूर्य जैन, तथा होस्ट सुश्री सुमेधा द्विवेदी एवं सुश्री अनुकृति राज को उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में आलोचक एवम् समीक्षक लखनऊ से डॉ ब्रजेश , बस्ती से संस्कृत के प्राध्यापक डॉ आशा राम ,संभालपुर से सुश्री मानसी महाराणा ,समस्तीपुर से डॉ पूजा झा ,इंडोनेशिया से अक्षेंद्र मैक्सिमिलिया आदि उपस्थित रहे ।