जीवन का गान है कविता : नेशनल पोएट्री फेस्टिवल में समन्वयक समेत कवियों ने बिखेरा रंग


एक्सप्रेशंस  इन लैंग्वेजेज एंड आर्ट्स फाउंडेशन लखनऊ  और  उत्तर  महाराष्ट्र  विश्वविद्यालय जलगांव से सम्बद्ध द  बी पी सी दादासाहब नामदेव भोले कॉलेज भुसावल  के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय नेशनल पोएट्री फेस्टिवल का आयोजन किया। एक्सप्रेशंस इन लैंग्वेजेज एंड आर्ट्स फाउंडेशन की तरफ से कार्यक्रम की सहसंयोजिका सुश्री सनाविया फरीद ने अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों सत्रों का  सञ्चालन किया। और साथ ही अपनी कविताओं से भी हमें रूबरू कराया। आईटी कंपनी में ब्लॉगर एवं कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत सुश्री सनाविया ने "हैप्पीनेस वुड अगेन स्प्रौल" एवं "शायद कुछ बचपना अब भी मुझ में बाकी है" जैसी अपनी कविताओं के माध्यम से कोरोना महामारी के दौरान सकारात्मकता की विचारधारा को अत्यंत सुंदरता से प्रस्तुत की। तथा ' जीवन का गान है कविता 'इस तथ्य से संपूर्ण काव्य सभा को प्रबुद्ध किया।



कार्यक्रम में मराठी , अंग्रेजी  हिंदी एवं  उर्दू भाषाओँ के सोलह कवियों ने तीन सत्रों में अपनी रचनाओं का पाठ किया। सभी तीनो सत्रों में कवियों ने मानवता , प्रेम , बंधुत्व ,एवं अचार विचार , व्यव्हार सम्बन्धी मूल्यों को इंगित किया।


मराठी कवियों में शिरपुर से डॉ फुला बागुल ,सासवड पुणे से डॉ बबन चखले ,लोनार बुलडाणा से डॉ विशाल इंगोले ,सांगली से डॉ सुनील तोरने और नासिक से डॉ जयश्री वाघ ने अपने रचनाओं का पाठ किया। 


अंग्रेजी कवियों में लखनऊ से डॉ नरेंद्र दानी , उन्नाव से डॉ बैजनाथ गुप्ता, संभलपुर ओडिशा से मानसी महाराणा ,नासिक से डॉ किशोर निकम , नंदुरबार से डॉ जीतेन्द्र बागुल एवं पटना से डॉ शिव कुमार यादव ने अपने अंग्रेजी काव्य का पाठ किया।  



हिन्दी कवियों में लखनऊ के आलोचक एवं कवि डॉ ब्रजेश ,    श्री अरुण कुमार मिश्रा , समस्तीपुर बिहार से डॉ शम्भू नाथ झा , लखनऊ से उर्दू -अंग्रेजी कवियत्री सुश्री वसफ़िया हसन नक़वी, और सुल्तानपुर से डॉ अरुण कुमार निषाद ने अपनी कविताओं का पाठ किया। 



कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में समारोह के पैट्रन एवं कॉलेज के प्राचार्य  डॉ आर पी फलक ने अतिथियों, कवियों एवं श्रोताओं का स्वागत किया , एवं राष्ट्रीय संयोजक डॉ संजय विट्ठल बाविस्कर ने वर्तमान परिवेश में इ माध्यमों द्वारा ऐसे आयोजनों के औचित्य एवं महत्त्व पर प्रकाश डाला। दादासाहब नामदेव भोले कॉलेज भुसावल की अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापक डॉ अंजलि पाटिल ने कवियों का आभार एवं स्वागत किया | एक्सप्रेशंस इन लैंग्वेजेज एंड आर्ट्स फॉउण्डेशन्स की संस्थापक एवं अध्यक्ष प्रो आर पी सिंह एवं सचिव डॉ कुलवंत सिंह ने कवियों एवं दर्शकों को शुभकामना सन्देश प्रेषित किये। कार्यक्रम के सह आयोजक  एवं एक्सप्रेशंस इन लैंग्वेजेज एंड आर्ट्स फॉउण्डेशन्स के तकनीकी निदेशक डॉ वैदूर्य जैन ने बताया की वर्तमान महामारी के समय काव्य एवं साहित्य जीवन को असीम प्रेरणा देते हैं।


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